दज़ला और फरात नदी के किनारे पनपी सभ्यता
ब्राह्मणावाद की सुरक्षा का दायित्व दाहिर के पुत्र जयसिंह के ऊपर था। उसने कासिम के आक्रमण का बहादुरी के साथ click here सामना किया, किन्तु नगर के लोगों के विश्वासघात के कारण वह पराजित हो गया। ब्राह्मणावाद पर कासिम का अधिकार हो गया। कासिम ने यहाँ का कोष तथा दाहिर की दूसरी विधवा रानी लाडी के साथ उसकी दो पुत्रियों सूर्यदेवी तथा परमल देवी को अपनी क़ब्ज़े में कर लिया। आलोर विजय
जब दुनिया ने देखा जीत,जोश और जश्न का 'सैलाब', खिलाड़ियों के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े फैंस
सेहवान के बाद मुहम्मद बिन कासिम ने सीसम के जाटों पर अपना अगला आक्रमण किया। बाझरा यहीं पर मार डाला गया। जाटों ने मुहम्मद बिन कासिम की अधीनता स्वीकार कर ली। राओर विजय
तोमर राजपूतों की एक शाखा थी। तोमर शासक अनंगपाल दिल्ली नगर का संस्थापक था। मालवा का परमार वंश
#भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध#भारतीय एकता दिवस#भारतीय संस्कृति#भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास#मुस्लिम खिलाफत आंदोलन#स्वतंत्रता दिवस पर जीके प्रश्न
विश्व-इतिहास (प्राचीन काल) : डा० रामप्रसाद त्रिपाठी…
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